विज्ञान notes - 12 यौगिक, मिश्रण,


यौगिक (Compound) दो या दो से अधिक तत्वों के रासायनिक संयोग से मिलकर बने पदार्थ को यौगिक कहते है। यौगिक में अवयवी तत्वों के परमाणुओं की संख्या का अनुपात होता है। जैसे- Nacl (नमक)

विशेषताएं
1)       यौगिक का रासायनिक संघटन निर्धारित तथा स्थिर होता है।
2)       यौगिक की प्रकृति समांगी होती है।

3)       यौगिकों के गुण एवं अवयव तत्वों के गुणों से भिन्न होते हैं।
4)       यौगिक का गलनांक निश्चित होता है।
मिश्रण जब दो या दो से अधिक द्रव्यों को किसी भी मिलाने बनता है। जैसे- पानी चीनी का मिश्रण
मिश्रण दो प्रकार के होते है-
1)       समांगी : प्रत्येक भाग के गुण दूसरे भाग के गुणों के समान होते हैं। जैसे- शर्बत।
2)       अस्मांगी मिश्रण : जिसके हूँ अलग- अलग भागों में अलग-अलग होते हैं जैसे- चीनी बालू का मिश्रण।
विशेषताएं :
1)       मिश्रण का संघटन अनिश्चित होता है।
2)       मिश्रण के गुण उसके अवयवी पदार्थों के गुणों पर निर्भर करता है।
3)       मिश्रण का गलनांक अस्थिर होता है।
4)       मिश्रण बनाने में कोई रासायनिक अभिक्रिया नहीं होती है।
5)       मिश्रण बनाने में ही ऊर्जा उत्पन्न होती है और ही अवशोषित होती है।

 यौगिक मिश्रण में अंतर
क्रम  
  गुण
           यौगिक
             मिश्रण
संघटन
यौगिकों का संघटन निश्चित होता है
मिश्रण का संघटन अनिश्चित होता है
गुण
यौगिक के गुण उसके अवयवी तत्वों से भिन्न होते है
मिश्रण के गुण उनके अवयवी तत्वों पर निर्भर करते है
3
भौतिक गुण
यौगिक के भौतिक गुण निश्चित होते हैं
मिश्रण के भौतिक गुण अनिश्चित होते हैं
4
रासायनिक गुण
यौगिक का एक निर्धारित रासायनिक सूत्र होता है
मिश्रण का कोई रासायनिक सूत्र नहीं होता है
5
रासायनिक परिवर्तन
यौगिकों का बनाना रासायनिक परिवर्तन है
मिश्रण का बनना रासायनिक नहीं भौतिक परिवर्तन है

           भौतिक गुणों के आधार पर मिश्रण
क्रम
         मिश्रण
               उदहारण
1
गैस - गैस मिश्रण
हवा
2
द्रव - गैस मिश्रण
सोडा, कार्बन ऑक्सीजन गैसें जल में होती है
3
द्रव - द्रव मिश्रण
नींबू का रस तथा पानी
4
ठोस द्रव मिश्रण
समुद्र जल
5
ठोस द्रव मिश्रण
गन पाउडर , चारकोल
6
गैस ठोस का मिश्रण
धुआँ

  प्रथक्करण की अन्य विधियाँ
1)       प्रभाजी आसवन प्रभाजी आसवन के द्वारा उन मिश्रित द्रवों को प्रथक किया जाता है, जिनके क्वथनांक में अन्तर बहुत कम होता है।
जैसे- पेट्रोलियम से पेट्रोल, डीजल, केरोसिन, मिटटी का तेल, मोम आदि प्रथक करना।
2)       वर्ण लेखन  इस प्रक्रिया में मिश्रण के विभिन्न घटकों की अधिशोषण क्षमता भिन्न-भिन्न होती है। तथा ये अधिशोषण पदार्थ में विभिन्न दूरियों पर अधिशोषण होते है। तथा इस प्रकार पृथक कर लिए जाते हैं।
3)       भाप-आसवन इस प्रक्रिया में ऐसे कार्बनिक पदार्थों को शुद्ध किया जाता है जो जल में अघुलनशील परन्तु भाप के साथ वस्प्शील होते हैं।

जैसे- मेथिल एल्कोहल, एसीटोन, ऐसेटेल्डीहाइड आदि।

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