1:- स: कर्णन बधिर: में स: क्या है-
1.संज्ञा
2.सर्वनाम
3.क्रिया
4.विशेषण
2:- आधुनिक आर्य भाषाओं का उद्भव हुआ है-
1. पालि से
2.अंग्रेजी से
3. प्राकृत से
4.संस्कृत से
3:- 'हम दौड़ते हैं' का संस्कृत अनुवाद होगा-
1.वयम हससि
2.अहम् धावति
3. वयं धावाम्
4.अहम् धावति
4:- शुद्ध वाक्य है-
1.आवाम् पठाव:
2.अहम पठाव:
3.वयम् पठाव:
4.वयम् पठामि
5:- काव्य महाकाव्य में सारगर्भित वाक्यों को कहते हैं-
1.सूक्ति
2.छंद
3.श्लोक
4.गर्व वाक्य
6:- एते शब्द में विभक्ति व वचन है-
1. प्रथमा विभक्ति, एक वचन
2.प्रथमा विभक्ति, बहुवचन
3.प्रथमा विभक्ति, द्विवचन
4.षष्ठी विभक्ति एक वचन
7:- द्रषद शब्द का अर्थ है-
1. देखना
2.पत्थर
3.हृदय
4.चंद्रमा
8:- संस्कृत भाषा के अन्य नाम है-
1.देववाणी
2.सुर भारती
3. गौवार्ण भारती
4.सभी
9:- संस्कृत में धातु रूप कहते हैं-
1.संज्ञा पद को
2.कर्म पद को
3.क्रियापद को
3.विशेषण पद को
10:- पदों के मिलने की प्रक्रिया कहलाती है-
1.समास
2.संधि
3.अलंकरण
4.एकत्व
उत्तर :1-२, 2-४, 3-३, 4-१, 5-१, 6-३, 7-२, 8-४, 9-३, 10-१
1.संज्ञा
2.सर्वनाम
3.क्रिया
4.विशेषण
2:- आधुनिक आर्य भाषाओं का उद्भव हुआ है-
1. पालि से
2.अंग्रेजी से
3. प्राकृत से
4.संस्कृत से
3:- 'हम दौड़ते हैं' का संस्कृत अनुवाद होगा-
1.वयम हससि
2.अहम् धावति
3. वयं धावाम्
4.अहम् धावति
4:- शुद्ध वाक्य है-
1.आवाम् पठाव:
2.अहम पठाव:
3.वयम् पठाव:
4.वयम् पठामि
5:- काव्य महाकाव्य में सारगर्भित वाक्यों को कहते हैं-
1.सूक्ति
2.छंद
3.श्लोक
4.गर्व वाक्य
6:- एते शब्द में विभक्ति व वचन है-
1. प्रथमा विभक्ति, एक वचन
2.प्रथमा विभक्ति, बहुवचन
3.प्रथमा विभक्ति, द्विवचन
4.षष्ठी विभक्ति एक वचन
7:- द्रषद शब्द का अर्थ है-
1. देखना
2.पत्थर
3.हृदय
4.चंद्रमा
8:- संस्कृत भाषा के अन्य नाम है-
1.देववाणी
2.सुर भारती
3. गौवार्ण भारती
4.सभी
9:- संस्कृत में धातु रूप कहते हैं-
1.संज्ञा पद को
2.कर्म पद को
3.क्रियापद को
3.विशेषण पद को
10:- पदों के मिलने की प्रक्रिया कहलाती है-
1.समास
2.संधि
3.अलंकरण
4.एकत्व
उत्तर :1-२, 2-४, 3-३, 4-१, 5-१, 6-३, 7-२, 8-४, 9-३, 10-१
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