शिक्षण कौशल (From The SCERT BOOK)


कसी भी कार्य को अच्छी तरह से करने के लिए क ुछ विशेष प्रयत्न की जरूरत होती है और शिक्षण तो एक जटिल प्रक्रिया है। इसको समझने के लिए निरन्तर अभ्यास का होना आवश्यक है और जब अभ्यास क्रम पूरा हो जाता है तब उस अवस्था को कहा जाता है कि उस कार्य के प्रति हमने कुशलता प्राप्त कर ली। शिक्षण में जब हम क ुशलता की बात करते हैं तो उसे शिक्षण कौशल का नाम दिया जाता है।


शिक्षण कौशल अर्थात् शिक्षण कार्य में क ुशलता। इसका आशय शिक्षक द्वारा शिक्षण देते समय अपनाये जाने वाले हाव-भाव, भंगिमा या विविध कार्य-कलापों के व्यवहारिक तौर-तरीकों के समूह से लगाया जाता है। शिक्षण कौशल से शिक्षण बिन्दुओं के क्रम का ज्ञान होता है। शिक्षण के तीन पहलू का ज्ञान (भावात्मक, ज्ञानात्मक तथा क्रियात्मक) कराने में शिक्षण कौशलों की आवश्यकता स्वयं में ही स्पष्ट है।
परिभाषा-एन0एल0गेज- शिक्षण कौशल वह विशिष्ट अन ुद ेशन प्रक्रिया है, जिसे शिक्षक अपने कक्षा शिक्षण में
प्रयोग कर सकता है। यह शिक्षणक्रम की विविध क्रियाओं से सम्बन्धित होता है, जिन्हें शिक्षक अपनी कक्षा अन्तक्र्रिया में निरन्तर प्रयोग में लाता है।’’
प्रा े0बी0के0पासी0- ‘‘यह सम्बद्ध शिक्षण व्यवहारों का वह स्वरूप होता है, जो कक्षा की विशिष्ट अन्तः प्रक्रिया
परिस्थितियों को उत्पन्न करता है, जो शैक्षिक उद ्द ेश्य को प्राप्त करने में सहायक होते हैं और छात्रों को सीखने में सुगमता प्रदान करते हैं। Download the PDF for complete Topic.



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