पंचायतीराज


1.पंचायतों का चुनाव राज्य निर्वाचन आयोग के द्वारा वर्ष 1995 से किया जा रहा है 
2. अंतिम पंचायत चुनाव वर्ष 2015 में हुए थे

3. उत्तर प्रदेश में पंचायतों की त्रिस्तरीय 1 जिला पंचायत 2 क्षेत्र पंचायत एवं 3 ग्राम पंचायत व्यवस्था लागू है
4. ग्राम पंचायत स्तर पर सबसे अधिक प्रभावी संस्था ग्रामसभा है जिसमें सभी योजनाएं एवं बजट रखकर अनुमोदित कराया जाता है
5. इसी प्रकार क्षेत्र पंचायत तथा जिला पंचायत की बैठकों में भी उनसे संबंधित योजनाओं एवं बजट को अनुमोदित कराया जाता है
6. उत्तर प्रदेश में वर्तमान में 59163 ग्राम पंचायत‚ 821क्षेत्र पंचायत‚ 8135 न्याय पंचायत तथा 75 जिला पंचायत है
7. ग्राम पंचायत का अध्यक्ष सरपंच या ग्राम प्रधान होता है
8. उत्तर प्रदेश में नगर निकाय तीन प्रकार के गठित किए जाते हैं- नगर निगम‚ नगर पालिका परिषद एवं नगर पंचायत
9. 1992 में केंद्र सरकार द्वारा संविधान में 74वां संशोधन करके एक नया भाग 9 (क ) जोड़ा गया जिसके तहत संविधान में अनुसूची 243-p से 243-ZG अनुच्छेद में नगर निकाय प्रणाली के लिए विशेष व्यवस्था की गई
10. 74 वें संविधान संशोधन के बाद राज्य सरकार द्वारा ‘उत्तर प्रदेश स्थानीय स्वशासन विधि (संशोधन ) अधिनियम‚
1994 ’नाम से एक नया कानून बनाया गया
11. नगर निगम में एक मेयर‚ एक उपमेय ‚व तीन प्रकार के सभासद होते हैं
12. मेयर का निर्वाचन प्रत्यक्ष रुप से वयस्क जनता द्वारा किया जाता है
13.या 5 वर्ष के लिए चुना जाता है तथा पद धारण की तिथि से 2 वर्ष तक उसके खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव नहीं लाया जा सकता है
14. अविश्वास प्रस्ताव लाया जाता है और वह पारित नहीं होता है तो फिर उस विधि से गुणा 2 वर्ष तक अविश्वास प्रस्ताव नहीं लाया जा सकता है
15. सभासदों में तीन प्रकार के सभासद होते हैं - निर्वाचित ‚मनोनीति तथा पदेन
16. पदेन सदस्यों के अंतर्गत नगर क्षेत्र वाले लोकसभा एवं राज्यसभा सदस्य तथा विधानसभा एवं विधान परिषद सदस्य आते हैं
17. निगम में निर्वाचित होने वाले सदस्यों की संख्या 60 से कम तथा 110 से अधिक नहीं हो सकती है
18. उत्तर प्रदेश में नगरी स्वायत्त शासन 1916 में शुरू किया गया
19. नगरों के प्रकारों की घोषणा राज्यपाल करता है
20. नगरपालिका का प्रादेशिक क्षेत्र राज्यपाल द्वारा अधिसूचित किया जाता है
21. पंचायतों को धनु राशि का संक्रमण राज्य वित्त आयोग की संस्तुतियों पर किया जाता है

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