उत्तर प्रदेश राजस्व विभाग एवं उसके कार्य


उत्तर प्रदेश में राजस्व विभाग और उसके कार्य 


राजस्व विभाग
1. राजस्व किसी राज्य के विकास के लिए महत्वपूर्ण स्रोत है
2. उत्तर प्रदेश में राजस्व प्रशासन के लिए राजस्व विभाग की स्थापना की गई है । या विभाग के सचिव के अंतर्गत कार्य करता है जो मुख्य प्रशासक होता है
3. राजस्व सचिव को सहायता प्रदान करने के लिए पांच विभागाध्यक्ष की व्यवस्था की गई है यह पाँच विभागाध्यक्ष इस प्रकार है
1.राजस्व परिषद उत्तर प्रदेश लखनऊ
2.चकबंदी आयुक्त उत्तर प्रदेश लखनऊ
3.राहत आयुक्त उत्तर प्रदेश लखनऊ
4.निदेशक भूम अध्याप्ति उत्तर प्रदेश लखनऊ
5.प्रमुख संपादक जिला गजेटियर लखनऊ

1. राजस्व परिषद
1. इसमें सबसे महत्वपूर्ण राजस्व परिषद है जो राजस्व प्रशासन के शीर्ष स्तर पर कार्यरत होती है 

2.चकबंदी आयुक्त
1. राजस्व सचिव शाखा के अंतर्गत दूसरे विभागाध्यक्ष चकबंदी आयुक्त होते हैं
2. यह विभाग खातेदारों की जूतों से एक निर्धारित प्रतिशत से कटौती करके उसे विभिन्न सार्वजनिक उद्देश्य के लिए आरक्षित करता है
3. चकबंदी आयुक्त का काम खातेदारों की बिक्री ज जोतों को एकत्रित करना है
4. यह विभाग खातेदारों को आवंटित करता है
3.राहत आयुक्त

1. यह एक सचिव स्तर का अधिकारी होता है
2. राहत आयुक्त का प्रमुख कार्य दैवीय आपदाओं के संबंध में आर्थिक सहायता प्रदान करना तथा आपदा प्रबंधन की योजना बनाना है

4.निदेशक भूमि अध्याप्ति

1. निदेशक भूमि का कार्यालय राजस्व परिषद लखनऊ के परिसर में स्थित है
2. भूमि अर्जन अधिनियम के अंतर्गत कार्यवाही करने के लिए जिला स्तर पर विशेष भूमि अध्याप्ति अधिकारियों एवं अपर जिला अधिकारियों की तैनाती की जाती है
3. भूमि अध्याप्ति अधिनियम के अंतर्गत जिलाधिकारी मंडलायुक्त एवं राजस्व परिषद द्वारा आवार्ड उनकी वित्तीय शक्तियों के अनुसार घोषित किए जाते हैं
4. यह कार्यवाही भूमि अर्जन अधिनियम भूमि अर्जन मैनुअल तथा शासनादेशों के अनुसार की जाती है

5. जिला गजेटियर
1. जिला गजेटियर भी राजस्व विभाग के अधीन कार्यरत होता है
6. यह जवाहर भवन लखनऊ में स्थित है
यह विभाग जिलों का गजेटियर तैयार करता है । गजेटियर मैं जिले से संबंधित सभी आवश्यक सूचनाएं रहती हैं

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