कक्षा: 6
विषय: विज्ञान
अवधि: 40-45 मिनट
अध्याय का उद्देश्य:
छात्रों को प्राकृतिक और कृत्रिम रेशों, कपड़े कैसे बनते हैं और बुनाई की प्रक्रिया की जानकारी देना।
अध्ययन की उद्देश्य (Learning Objectives):
1. प्राकृतिक और कृत्रिम रेशों में अंतर समझना।
2. रेशों से धागा और फिर कपड़ा कैसे बनता है, यह जानना।
3. कताई (Spinning) और बुनाई (Weaving/Knitting) की प्रक्रियाओं को समझना
4. भारत में प्रचलित कुछ वस्त्रों की जानकारी देना।
शिक्षण सामग्री :
रेशों के नमूने (ऊन, रेशम, कपास, नायलॉन आदि)
धागा और कपड़े के नमूने
चित्र/पोस्टर
वीडियो (यदि संभव हो)
प्रवेश गतिविधि :
छात्रों से पूछें: "आपके कपड़े किस चीज से बने होते हैं?"
कपड़े के पीछे लगे टैग्स को देखने को कहें (cotton, polyester, etc.)
इससे विषय में रुचि बढ़ेगी।
मुख्य शिक्षण प्रक्रिया (Presentation - 25 मिनट):
चरण 1: रेशा क्या होता है?
कृत्रिम रेशे: नायलॉन, पॉलिएस्टर
चरण 2: धागा कैसे बनता है? (कताई)
कताई की प्रक्रिया समझाएं – रूई से धागा बनाना।
तकली/चरखा का उदाहरण दें।
चरण 3: कपड़ा कैसे बनता है? (बुनाई और बुनाई)
बुनाई: दो धागों से कपड़ा बनाना।
चित्र/नमूने दिखाएं।
चरण 4: भारत में वस्त्र
विभिन्न क्षेत्रों में कौन से कपड़े पहने जाते हैं – जैसे पंजाब में ऊनी, दक्षिण में सूती आदि।
प्रश्नोत्तर :
कपास कौन-से राज्य में उगाई जाती है?
कृत्रिम रेशों के उदाहरण बताओ।
क्या रेशम प्राकृतिक है?
समीक्षा और मूल्यांकन :
3 वस्तुओं के टैग देखकर बताओ वो किस रेशे से बने हैं।
एक शब्द में उत्तर: ऊन किस जानवर से मिलता है?
गृहकार्य :
घर पर 3 वस्त्र खोजें और लिखें कि वो किस प्रकार के रेशे से बने हैं।
एक चित्र बनाएं – रेशे से कपड़े तक की यात्रा।
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